माशूका बनी दोस्त की बीवी – Dost ki biwi ko choda
मेरा यह मानना है कि आदमी चाहे कितना ही शरीफ क्यों न हो, अगर औरत चाहे तो उसे बिगाड़ सकती है।
कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ।
मेरी शादी के तीन साल बाद मेरे एक बेटा हुआ और मेरी बीवी रोमा का सेक्स में रुझान कम हो गया।
मैं छब्बीस साल का गोरा चिट्टा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला आकर्षक व्यक्तित्व का नौजवान हूँ, मुझे सेक्स का बहुत शौक है पर अब बीवी साथ नहीं देती तो मुठ से काम चलाना पड़ता था।
मैं अंग्रेजी नोवल पढ़ता और एडल्ट मूवीज बहुत देखता था।
मेरे एक बड़े भाई जैसे दोस्त थे विकास, उनकी पत्नी नीता… दोनों बहुत मस्त प्रकृति के थे और मुझसे बहुत प्रेम रखते थे।
उन दोनों की शादी जल्दी हुई थी और बच्चा भी तुरंत ही हो गया था।
उनकी कोठी अगली कॉलोनी में ही थी और वो अपने माँ-पिताजी के साथ रहते थे।
उनके माँ-पिताजी को मैं चाची-चाचा कहता था, वो लोग नीचे रहते थे और विकास – नीता का कमरा ऊपर था।
विकास के एक ही लड़का था वो भी नैनीताल मैं हॉस्टल में पढ़ता था।
विकास शाम को अपने व्यापार से सात बजे तक आ जाते थे और आधा घंटा नीचे माँ-पिताजी के साथ बैठकर फिर ऊपर चले जाते थे। कहीं जाना हो तो अलग बात है वर्ना फिर वो अगले दिन सुबह ही नीचे आते थे।
खाना भी उनका नौकर ऊपर ही लाता था।
मैं महीने में 4-5 बार तो खाना उनके घर ही खाता था। रोमा ने कभी इस पर एतराज भी नहीं किया।
इधर कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा था कि विकास, नीता मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए हैं। मैं नीता को भाभी कहता था मगर अब उन्होंने मुझसे जबरदस्ती अपना नाम लेने को ही कहा, मुझे भी कोई दिक्कत नहीं लगी क्योंकि मेरी और नीता की उम्र बराबर ही थी।
हाँ, विकास को मैं विकास भाई कहता था, वो थे भी मुझसे 4 साल बड़े!
रात को इन दिनों नीता ने कुछ ज्यादा ही सेक्सी नाईट ड्रेस पहननी शुरू कर दी थी।
एक शाम को जब में चाचा-चाची के पास बैठा था विकास ने ऊपर से मुझे आवाज देकर बुलाया और मुझसे रात को खाना खाकर ही जाने के लिए कहा।
मैंने कहा- नहीं, घर पर खाना बन चुका होगा।
तो चाची बोली- कोई बात नहीं, रोमा को कह देना कि चाची ने कहा था।
मैं कुछ नहीं कह पाया, थोड़ी देर बाद ऊपर चला गया।गर्मी के दिन थे पर विकास का कमरा आज ए सी से खूब ठंडा हो रहा था और मोगरा की खुशबू से महक रहा था।
पता चला कि आज नीता की बर्थडे है, नीता बाथरूम में थी।
मैंने विकास से कहा- भाई मैं अभी आता हूँ, नीता के लिए एक गिफ्ट ले आऊँ!
विकास हंस कर बोले- तू खुद ही आज गिफ्ट बन जा!
मैं कुछ समझा नहीं और हंस कर कह दिया- मैं तो आप ही लोगों का हूँ।
नौकर रामू खाना रख गया।
विकास ने नीता को आवाज दी, संभवतः वह रामू के जाने का ही इन्तजार कर रही होंगी बाहर आने के लिए!
वो ही हुआ, विकास के आवाज देने के बाद ही नीता बाथरूम से बाहर आई!
क्या ग़जब की खूबसूरत लग रही थी, लाल रंग की मिनी नाईटी पहने हुए थी वो… होठों पर लाल लिपस्टिक थी, हाथों में लाल रंग की ही नेल पॉलिश लगा रखी थी और स्लीपर भी उन्होंने लाल ही पहने थे।
मैंने होश खोते हुए उनसे हाथ मिलाते हुए हैप्पी बर्थडे कहा।
हाथ छूते ही लगा कि करंट लग गया हो… जिन्दगी में पहली बार मैंने उन्हें छूआ था पर उन्होंने तो कमाल ही कर दिया। नीता ने थैंक्स कहते हुए मुझे चूम लिया था।
हालाँकि उनकी इस हरकत को विकास ने नहीं देखा।
खाना खाकर विकास ने रामू को आवाज दी बर्तन ले जाने के लिए, नीता बाथरूम में चली गई, मैं भी उनको स्वीट ड्रीम्स बोलकर वापस घर जाने के लिए खड़ा हुआ तो विकास बोले- थोड़ी देर में चले जाना!
उनके कहने पर नीता ने रोमा को फोन कर के कह दिया कि मैंने उनके घर खाना खा लिया है और मैं देर से घर आऊँगा।
हम लोग बिस्तर पर अधलेटे होकर टीवी पर सीडी देख रहे थे, विकास ने कोई इंगलिश रोमांटिक मूवी लगा दी थी। जो पार्ट हम लोग देख रहे थे उसमे फ्रेंच किस सीन, जिसमें जोड़े होठों से होंठ मिलाये देर तक रहते हैं, ज्यादा थे।
हम लोग इस तरह से लेट कर टीवी देख रहे थे कि मेरी पीठ विकास की ओर थी और विकास की पीठ नीता की ओर थी।
मूवी देख कर हम सभी गर्म हो रहे थे। नीता कब विकास से चिपक गई, मुझे पता ही नहीं चला।
मुझे जब स्मूच की आहट हुई तब बिना मुड़े मैंने यह अंदाज़ कर लिया कि विकास नीता फ्रेंच किस कर रहे हैं।
मगर ये मेरी उपस्थिति में क्यों इतने बेताब हो रहे हैं, यह मैं उस समय नहीं समझ पा रहा था।
मेरा सिर विकास की छाती से टिका था और मुझे अब यह एहसास हो रहा था कि नीता अपना हाथ विकास की छाती पर ले आई है और विकास के निप्पल पर अपनी उँगलियाँ घुमा रही है।
उसकी इस हरक़त से निश्चित रूप से विकास का खड़ा हो गया होगा और इस विचार से मेरा भी खड़ा हो गया था aise hi alga stories ke liye padhte rahiye indisexstories.com
बड़ी अजीब स्थिति थी… न तो मैं पीछे देख पा रहा था और न ही घर जा पा रहा था।
अचानक विकास यह कह कर उठा कि नीचे झांक आऊँ और बाहर जाकर वापस आ गया और नीता को आगे मेरी ओर धकेल कर खुद उसके पीछे लेट गया।
अब नीता बीच में थी।
विकास ने बदमाशी में नीता को पीछे से धकेला तो नीता बिल्कुल मुझसे चिपक गई।
विकास ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और नीता का हाथ मेरे ऊपर रख दिया और मुझसे बोला- तू तो आज नीता का बर्थडे गिफ्ट है तो झिझक क्यों रहा है?
अब मैं भी मस्ती के मूड में आ चुका था तो बोला- नहीं, मैं तो नहीं झिझक रहा पर जिसका गिफ्ट है उसकी जो मर्जी हो, वो अपने गिफ्ट से कर सकती है।
विकास ने नीता से कहा- अपना गिफ्ट अनरैप कर लो!
नीता शरमाई पर विकास ने उसे फिर उकसाया तो उसने अपना हाथ मेरी छाती पर रख दिया और मेरे निप्पल पर अपनी उंगलियाँ गोल गोल घुमाने लगी।
अब तो मेरी गांड फट चुकी थी और लंड बगावत कर बाहर आने को तैयार था।
मुझे फच फच की आवाज आने लगी तो मैं समझ गया कि विकास ने अपनी उंगली नीता की चूत में कर दी है।मैंने भी सर घुमाकर नीता के होठों को अपने होठों से मिला लिया।
अब पागल होने की बारी नीता की थी, एक तो विकास ने उसकी चूत को मस्त कर दिया था और अब होठों की गर्मी उसकी कामाग्नि भड़का रही थी। वो पागलों की तरह मुझसे लिपट गई और मेरे पूरे चेहरे को चूमने चाटने लगी।
मैंने भी एक हाथ से उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिये थे।
तभी मुझे एहसास हुआ कि जो कुछ हो रहा है, यह गलत है।
मैं एक झटके में नीता को अपने से अलग करके खड़ा हुआ और कमरे से बाहर आ गया।
पीछे से विकास ने धीरे से आवाज दी तो मैंने कोई जबाब न देते हुए सीधे सीढ़ियों पर से नीचे आ गया और अपने घर की ओर चल दिया।
घर आकर रोमा ने मुझसे पूछा- आजकल नीता भाभी तुम्हें रोज दावत देती हैं, मैंने उनसे कह दिया है कि मुझे भी कभी कभी दावत दिया करें!
मैं कामाग्नि में जल रहा था और मन में पश्चाताप भी था कि आज तो बहुत कुछ गलत हो गया, पता नहीं अब विकास मुझे कभी घर आने देंगे या नहीं?
कभी रोमा को पता चल गया तो?
मैं नहा कर चुपचाप बिस्तर पर लेट गया।
रोमा को भी यह एहसास था कि हमारी सेक्स लाइफ नीरस हो गई है इसलिए आज उसने भी हल्का सा मेकअप किया और एक झीनी सी नाइटी पहन कर बिस्तर पर आई और आते ही मुझसे चिपक कर मुझे चूमने लगी।
उस रात हम लोगों ने बहुत दिनों के बाद सेक्स का आनन्द लिया।
विकास और नीता भाभी के घर से लौट कर आया तो रोमा ने मुझे उत्तेजित करके सेक्स किया।
अगले दिन विकास दोपहर को मेरी फैक्ट्री आये और बोले- चल ठण्डा पिला!
मैंने फ्रिज से बोतल निकाल कर उसे दो गिलासों में करी।
ठंडा पीते पीते मैंने उनको सॉरी बोला।
विकास हंसकर बोले- सॉरी तो तुझे बोलना चाहिए पर नीता को जिसका बर्थडे तूने ख़राब कर दिया।
वो बोले- चाहे फिर कभी नहीं मानता, पर कल तो तुझे नीता को किसी बात के लिए मना नहीं करना चाहिए था।
मैंने विकास को बोला- आप मेरी ओर से भाभी को सॉरी बोल देना!
विकास बोले- गलती तूने की है, सॉरी तुझे खुद घर आकर बोलनी होगी।
मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी, घर आने की तो विकास ने अपने मोबाइल से नीता का नंबर मिलाया और बोले- ले सनी से बात कर ले!
नीता ने मुझसे फ़ोन पर चुम्बन करते हुए कहा- जो कुछ हुआ, वो सबकी मर्जी से हुआ… उसे भूल जाओ और आज घर आ जाना!
मैं शाम को फैक्ट्री से घर जल्दी आ गया और रोमा को झूठ बोल कर कि मुझे किसी पार्टी के साथ फैक्ट्री पर ही डिनर करने जाना है, नहा धोकर निकल लिया।
घर से निकला ही था कि विकास का फ़ोन आ गया- कितनी देर में आ रहा है?
मैंने कहा- तुम लोग खाना खा लो, मैं रात को आऊँगा, जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फोन कर देना!
जब आदमी बेईमानी पर आता है तो वो बहुत प्लानिंग करता है, मैंने होटल से खाना पैक कराया, फैक्ट्री जाकर खाना खाया।
तभी विकास का फ़ोन आ गया।
अब मेरे पास यदि रोमा शक करती या कुछ पूछती तो होटल का बिल भी था और विकास के घर जाने का बहाना भी था कि विकास ने फ़ोन करके बुलाया था।
मैं रात को नौ बजे करीब विकास के घर पहुँचा, विकास ने मेन गेट खोला और मुझे अन्दर करके बंद कर दिया।
चाचाजी चाचीजी अपने कमरे में सोने की तैयारी में होंगे, हम दबे पाँव ऊपर आये।
नीता भाभी ने आज काले रंग की स्लीवलेस मिडी पहन रखी थी और गोरी होने से उसके ऊपर खूब फब रही थी।
नीता की आँखें नशीली हो रही थी।
विकास ने मुझसे कहा कि मैंने नीता को उसके बर्थडे पर रुलाया है, इसलिए अब मैं ही उसे खुश करूँगा।
मैंने नीता के पास जाकर सॉरी बोला तो उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे अपनी ओर खींचा और होठों से होंठ मिला दिये।
मुझे लगा कि शायद यही सही है तो मैंने कुछ एतराज नहीं किया और नीता के सर के पीछे दोनों हाथ ले जाकर उसे अपनी ओर भींच लिया और अपनी जीभ उसके मुंह के अन्दर कर के उसकी जीभ को चूसने लगा।
वो पागलों भी की तरह मेरी जीभ को अपनी जीभ से चूस रही थी।अब अचानक ही मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर आ गया और उसका एक हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था।
अचानक ही विकास की आवाज़ आई- अरे भाई हमें भी शामिल कर लो बर्थडे पार्टी में!
सच में हम दोनों को ही झटका लगा… वाकयी हम तो यह भूल ही गए थे कि कमरे में विकास भी है।
पर नीता बहुत प्रैक्टिकल निकली, उसने विकास को भी खींचा और अब उसके होंठ विकास के होंठों से मिल चुके थे और उसके एक हाथ में मेरा और दूसरे हाथ में विकास का लंड था।
मैं भी थोड़ा झुककर उसकी मिडी के ऊपर से ही उसके मम्मे चूस रहा था।
यह देख विकास ने उसकी मिडी उठाकर उसकी चूत में अपनी उंगली कर दी थी।
दो मिनट के बाद ही नीता ने हम दोनों को धक्का देकर अलग कर दिया और नीचे बैठकर कभी मेरा कभी विकास का लंड चूसने लगी। उसका चूसने का स्टाइल ऐसा ग़जब था जैसे वो चूस कर अंदर का माल निकालना चाहती हो।
विकास और मेरे दोनों के लंड पूरे तने हुए थे। भाभी शिश्न की खाल को अपने हाथ से आगे पीछे कर के पूरी उत्तेजना पैदा कर रही थी।
विकास ने थोड़ा झुक कर नीता की मिडी ऊपर खींच कर उतार दी।
हम लोगों ने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिये।
अब हम तीनों बिल्कुल नंगे थे।
नीता खड़ी हुई और हम दोनों के हाथ पकड़कर बेड तक ले गई, वो बीच में लेटी, उसकी एक ओर मैं और दूसरी ओर विकास था।
उसने अपने हाथों में हम दोनों के लंड ले लिए, मैं उसके होंठों से चिपक गया, मेरे हाथ उसके चेहरे को मजबूती से अपनी ओर भींचे हुए थे।
विकास को कुछ और समझ में नहीं आया तो वो नीता से अपना लंड छुड़ाकर उसकी चूत को चूसने लगा।
नीता की चूत तो पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।
विकास ने अपनी जीभ उसकी चूत में पूरी अन्दर कर रखी थी और उसने उसकी चूत में अपने मुँह से खूब सारा थूक भी वहाँ डाला हुआ था जो बहकर नीता की गांड तक आ रहा था।
विकास के चूमने चाटने से नीता की आग बहुत भड़क उठी थी।
अब मैं भी उसके होंठ छोड़कर उसके मम्मे चूस रहा था। नीता के मम्मे मांसल और गोरे थे और उसकी निप्पल भी उठी हुई थी। निप्पल के चारों ओर भूरे रंग की गोलाई थी, कुल मिलकर हूरों जैसा रूप था नीता का…
शायद किसी के लिए भी उसके नजदीक आना एक नसीब की बात थी और ऐसे हुस्न की मलिका आज नंगी मेरी बाँहों में थी।
विकास ने चूत चूसते चूसते अपनी एक उंगली नीता की गांड में कर दी, नीता हल्का सा चीखी!
तभी मैंने उसके निप्पल पर दातों से काटा था, मुझे लगा कि नीता मेरे काटने से चीखी है तो मैंने अपने होंठों से उसका मुँह सिल दिया। विकास ने भी अपनी जीभ की स्पीड और बढ़ा दी।नीता ने मेरे कान में फुसफुसा कर कहा- अन्दर आ जाओ!
मैं वहाँ से हटा तो विकास को भी हटना पड़ा और विकास एक बार बेड से नीचे उतरा।
मैंने मौका साफ़ देखा तो नीता की टांगों के बीच में आ गया और धीरे से उसके ऊपर आ गया, नीता ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर रख दिया।
मैंने भी अपने लंड का दवाब नीता की चूत पर डाला और धीरे से उसकी चूत के अन्दर किया। चूंकि नीता की चूत को विकास पहले ही चिकना किये हुए था, इसलिए नीता को एक नए लंड से कोई दिक्कत नहीं हुई।
नीता भाभी और मेरे लिए अपने साथी के अलावा किसी अन्य से सम्भोग करने का पहला अवसर था इसलिए आग पूरी लगी हुई थी, दो जिस्म एक होने को बेक़रार थे, हम भूल चुके थे कि विकास कमरे में ही है।
नीता ने अपनी बाहें मेरी गर्दन में डालकर मुझे झुका लिया था और मैं भी अपना लंड पूरा अन्दर कर चुका था। नीता की कामाग्नि भड़क चुकी थी, वो मेरे लंड को और गहराई से अन्दर करना चाह रही थी।
मैंने धक्के देने शुरू किया… अब नीता की सीत्कारें निकलने लगी, वो हाँफ रही थी और कह रही थी- सनी और अन्दर करो… जोर से करो, और तेज करो प्लीज सनी… मुझे पूरा मजा दो… आज फाड़ दो मेरी चूत को!
मैंने भी पूरा जोर लगा कर अपनी स्पीड बढ़ा रखी थी।
अब विकास भी अब बेड पर पर नीता के सर के पास आ गया था, नीता ने हाथ बढ़ाकर विकास का लंड अपने मुँह में ले लिया।
विकास मुझे देखकर मुस्कुराया, मैंने अपने हाथ से विकास का हाथ पकड़ा।
तभी मुझे लगा कि मैं छूटने ही वाला हूँ, मैंने कहा- नीता भाभी, मैं आने वाला हूँ कहाँ निकालूँ?
नीता ने मुझे भींचते हुए कहा- बाहर मत निकालना!
मैं दो-चार धक्कों में ही आ गया, मैंने अपना सारा माल नीता भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और साफ़ करने के लिए उठने की कोशिश की पर नीता ने मुझे जकड़ लिया, बोली- कहीं मत जाओ, ऐसे ही पड़े रहो!
मगर मुझे लगा कि अभी विकास का तो हुआ नहीं है इसलिए मैं जोर देकर उठ गया और बाथरूम की ओर चल दिया।
दो-चार धक्कों में ही मैंने अपना सारा माल नीता भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और साफ़ करने के लिए बाथरूम की ओर चल दिया।
बाथरूम से धोकर साफ़ करके आया तो देखा कि विकास नीता को कुतिया बना कर चोद रहा है, वो उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और नीता की चुदाई कर रहा था।
वो अपने एक हाथ से नीता के मम्मे भी मसल रहा था।
कुछ ही देर में विकास भी आ गया और नीता वहीं बिस्तर पर पेट के बल निढाल होकर लेट गई… विकास बाथरूम की ओर चल दिया।
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