नीरू 3 महीनो के लिए मेरे साथ लिव-इन मे रहने को मान गयी. जीजाजी का चेहरा देखने लायक था, मगर उनको छोड़कर बाकी सब लोग खुश थे.
मेरा एक ही डर था की अगर जीजाजी ने गुस्से मे आकर मेरे और ऋतु दीदी के बीच हुई चुदाई का राज नीरू को बता दिया तो सब मामला उल्टा पड़ जाएगा.
नीरू मेरे साथ आकर रहने लगी. हालाँकि उसने मुझे चोदने की पर्मिशन नही दी थी. हम बिना चुदाई के एक साथ रहने वाले थे. खूबसूरत नीरू को देखाकर मेरी चुदाई की बहुत इक्षा होती थी और यह बात नीरू ने भी फील की थी.
मगर नीरू ने मुझे चोदने नही दिया और मैने भी प्रॉमिस रखते हुए उसके साथ कुच्छ करने की कोशिश नही की. हालाँकि एक दो बार उसको कपड़े चेंज करते हुए ज़रूर आधा नंगा देख लिया था और मेरे लंड ने उसको सलामी भी दे दी थी.
इस बीच मैने ऋतु दीदी से फोन पर बात की. हूमें कोई तरीका लगाना था जिस से नीरू को जीजाजी से दूर किया जा सके. हमने कुच्छ दिन सोचा कोई अच्छा प्लान मिल जाए.
फिर ऋतु दीदी ने मुझे एक प्लान बताया. प्लान यह था की हम चारो एक बार फिर घूमने जाएँगे और वहाँ अगर नीरू अपने कानो से यह सुन ले की जीजाजी कैसे ऋतु दीदी को चोदते वक़्त नीरू का नाम लेते हैं तो काम बन जाएगा और नीरू का जीजाजी से भरोसा उठ जाएगा
प्लान के मुताबिक मैने नीरू से कहा की हम साथ मे घूमने का प्लान करते हैं. नीरू यह सुनकर बहुत खुश हुई. एक तीर से दो शिकार हो गये थे.
नीरू को अपने जीजाजी और ऋतु दीदी के साथ घूमने का मौका मिला और साथ ही नीरू को यह भी अहसास हुआ की अब मुझे जीजाजी पर शक नही हैं.
दूसरी तरफ ऋतु दीदी ने भी जीजाजी को घूमने का प्लान बताया. जीजाजी तो वैसे ही नीरू से चिपकने के लिए बेकरार थे तो झट से मान गये.
फ्राइडे नाइट को ऋतु दीदी और जीजाजी हमारे घर आए. नीरू कुच्छ दीनो के बाद जीजाजी से मिलने वाली थी तो पहले ही बात कर ली थी और उनको सुरपरिज़े देने के लिए जीजाजी की पसंद की सारी पहन ली.
मैने भी काफ़ी समय बाद नीरू को सारी मे देखा था. प्रेग्नेन्सी की वजह से उसका पेट फूलना अभी इतना शुरू नही हुआ था पर वजन थोड़ा बढ़ चुका था. उस सारी मे वो भरी भराई और भी सेक्सी लग रही थी.
नीरू के मुममे ब्लाउस से जैसे बाहर कूदने को लालायित से थे. एक बार फिर जीजाजी के आते ही नीरू उनके सीने से लगकर चिपक गयी थी.
मैं और ऋतु दीदी एक दूसरे की शकल देख रहे थे, जिस तरह जीजाजी ने नीरू की पीठ और कमर को पकड़े अपना हाथ फेराया था और कुछ सेकेंड तक वो दोनो चिपके हुए ही रहे.
बाद मे नीरू ने ऋतु दीदी को भी इसी तरह गले लगाया पर कुच्छ 2-3 सेकेंड के लिए ही. मैं जीजाजी की आँखों मे वो हवस देख सकता था और जिस तरह से वो नीरू के बदन को घूर रहे थे.
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या प्रशांत और ऋतु दीदी अपने प्लान मे कामयाब हो पाएँगे.