Adultery ऋतू दीदी – Jija Sali Sex

जीजाजी की बात सही थी। जीजाजी पर शक़ करने की वजह से निरु ने मुझे तक छोड़ दिया था तो वो अब मेरी बात का यक़ीन कभी नहीं करेगी की जीजाजी करेक्टरलेस आदमी है। मैं अब फ़स चुका था। पहले पता होता तो फ़ोन में रिकॉर्डिंग चालू कर देता।

जीजाजी: “अब तुम सोच रहे होगे की मैंने तुम्हे यह सच क्यों बताया? उस दिन गुस्से गुस्से में निरु ने मेरे कपडे खोल कर मेरा लंड पकड़ा था। तुम्हे बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था। मैं तो आगे बढ़कर निरु को जबरदस्ती चोद नहीं पाऊंगा क्यों की मैं उसका विश्वास हमेशा के लिए खो दूंगा। मगर अब तुम मेरी इसमें मदद करोगे”

प्रशांत: “मैं तुमको एक्सपोज करुँगा, न की मदद करूँगा”

जीजाजी: “जब तक तुम मुझे नहीं मनाओगे तब तक निरु तुम्हारी ज़िन्दगी में वापिस नहीं आएगी। अगर तुम्हे निरु वापिस चाहिए तो एक बार मेरी मदद कर दो ताकी मैं निरु को चोद पाऊं”

प्रशांत: “कमीने इंसान!! मैं तेरे गंदे इरादे कभी पुरे नहीं होने दूंगा”

जीजाजी: “ठीक हैं फिर तुम निरु को भूल जाओ। आज नहीं तो कल मैं किसी तरह निरु को चोद ही लुंगा। अकेलि लड़की हैं, मुझ पर अँधा भरोसा भी करती है। मौका मिलते ही मैं वैसे ही उसको चोद दूंगा। “

प्रशांत: “निरु न सही पर ऋतू दीदी मेरी बात का विश्वास करेगी। मैं उनको तुम्हारी सारी सच्चाई बताऊँगा”

जीजाजी: “कोसिश करके देख लो। तुम्हारी इमेज बिगड चुकी है। तुम्हारा कोई विश्वास नहीं करेगा”

मैने ऋतू दीदी को आवाज लगायी। वो कमरे में वापिस आयी।

प्रशांत: “आपको पता हैं यह कितना कमीना इंसान है। निरु के बारे में क्या सोचता हैं यह जानकार …”

ऋतू दीदी: “चुप हो जाओ प्रशांत। इतना होने के बाद भी मैंने तुम्हारा कितना सपोर्ट किया और फिर भी तुम वहीं राग अलाप रहे हो!”

ऋतू दीदी फिर से निराश होकर अन्दर कमरे में चले गए।

जीजाजी: “प्रशांत तुम्हे निरु चाहिए या नहीं? चलो एक डील करते है। तुम बस एक बार निरु को चोदने में मेरी मदद करो, निरु फिर हमेशा के लिए तुम्हे मिल जाएगी। वैसे भी तुमने एक बार मेरी बीवी ऋतू को चोदा था याद हैं! अब उसकी भरपायी करने का टाइम आ गया हैं”

मै अपने आप को बहुत अकेला महसूस कर रहा था। मुझे सब सच पता था पर फिर भी मैं कुछ कर नहीं सकता था। मेरी बात का कोई विश्वास करने को तैयार नहीं होगा यह मुझे अहसास हो चुका था। अगर मैं जीजाजी की बात नहीं मानुगा तो निरु मेरे पास नहीं आएगी। जीजाजी जैसा कमीना इंसान कैसे न कैसे करके निरु का फायदा तो उठा ही लेगा। मुझे ही अब निरु को बचाने था, और उसका एक ही तरीका था की निरु पहले मेरे पास आ जाए।

प्रशांत: “मुझे यह डील मंजूर हैं”

जीजाजी अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और मेरे से हाथ मिलाया। मैं उस इंसान को छुना भी नहीं चाहता था पर मज़बूरी में उस से हाथ मिलाना पड़ा।

जीजाजी: “अगले वीकेंड मैं तुम्हारे घर आ रहा हूँ। निरु को तुमसे मिलवा दूंगा। पर अपना वादा मत भूलना। याद रखना निरु का भरोसा मुझ पर ज्यादा और तुम पर कम है। अगर मुझसे चीटिंग की तो मैं निरु को तुमसे फिर छीन लूंगा”

मै अब वहाँ से चला आया। मुझे उस कमीने जीजाजी को एक्सपोज करना था। मुझे किसी भी तरह सबूत इकठ्ठा करना था और निरु को दिखाना था। वार्ना मेरी बात वो नहीं मानेगी।मैने निरु को इन्फोर्म कर दिया की जीजाजी नेक्स्ट वीकेंड आ रहे है।

इस बीच पूरे वीक मैं परेशान रहा की यह कमीना जीजा अब क्या करने वाला हैं? वो मेरी मदद से कैसे निरु का फायदा उठायेगा यह मेरी समझ से बाहर था। यह बात तो पक्की हो गयी थी की जीजा कमीना हैं और निरु एक दम साफ़ है। अब बस इंतज़ार था वीकेंड का जब जीजा मेरे घर आने वाला था। वो दिन भी आ ही गया।

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