Adultery ऋतू दीदी – Jija Sali Sex

जीजाजी ने निरु को मेरा सच नहीं बताया था और मुझे भी जीजाजी और निरु का सच नहीं पता चला था।

मगर मैं अब भविष्य में जीजाजी का सामना करने की हालत में नहीं था। कुछ वीक्स बाद पता चला की निरु प्रेग्नेंट हो गयी थी। मेरे तो होश ही उड़ गए और सारा शक़ जीजाजी पर था। मैंने निरु को एबॉर्शन के लिए बोला तो उसने मन बोल दिया और उलटा मुझ पर ही गुस्सा करने लगी की मैंने जो उसको दो बार बिना प्रोटेक्शन के चोदा था उसी गलती की वजह से वो प्रेग्नेंट हुयी है। उसने मेरे और अपने घर वालों को भी बता दिया और मुझे डाट पड़ी की मैंने एबॉर्शन के लिए क्यों बोला? मैंने हमारे करियर की ही बात की पर सच तो यह था की मुझे वो बच्चा जीजाजी का लग रहा था।

फिर मुझे इस तरह निराश देखकर निरु ने एक दिन मुझे बोला की हम यह बच्चा जीजाजी और ऋतू दीदी को दे देंगे, उनको वैसे ही बच्चा नहीं हो रहा हैं तो वो गोद ले लेंगे। मेरा शक़ अब और भी गहरा हो गया था। मुझे समझ नहीं आया की मैं खुश हो जाऊ की बच्चा अपने असली बाप के पास जाएगा और मुझे किसी और का पाप अपने ऊपर नहीं लेना पडेगा। या फिर मुझे दुखी होना चाहिए की इसका मतलब यह सब प्लांड था और जीजाजी ने जानबूझकर निरु को चोदकर अपने खुद का बच्चा पैदा किया था।

नीरु के घर वालें, जीजाजी और ऋतू दीदी बहुत खुश हुए पर मेरे घर वालों ने ऑब्जेक्शन कर दिया की पहला बच्चा तो हम ही रखेंगे। मगर मैं यह कैसे होने देता, मैं बीच में कूद पड़ा और ऐलान कर दिया की यह पहला बच्चा तो जीजाजी और ऋतू दीदी ही गोद लेंगे।घूमने जाने से पहले जीजाजी ने बोला था की निरु उनके बच्चे की ही माँ बनेगी । उस वक़्त मुझे वो मजाक लगा पर जीजाजी ने शायद वो सच करके दिखा दिया था। फाइनली सब सेट हो गया। निरु बहुत खुश थी। उसको तो पता ही था की यह बच्चा उसने वैसे ही जीजाजी से पैदा किया था उन्ही के लिये। निरु खुश होकर मुझे थैंक यू बोलने आई

नीरु: “मुझे बहुत अच्छा लगा की तुम यह बच्चा ऋतू दीदी को देने के लिए मान गए। इस चक्कर में हमने कितने दिनों से सेक्स नहीं किया है। मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, चलो मेरे साथ जो करना हैं कर लो। कुछ टाइम बाद प्रेगनेंसी में मैं तुम्हे चोदने नहीं दूंगी।”

प्रशांत: “कोई बात नाहि, मैं आज तुम्हे जम कर चोदूंगा की आने वाले टाइम का भी चोद दूंगा”

नीरु: “अब तो मैं वैसे ही प्रेग्नेंट हूँ तो तुम मुझे पहली बार बिना प्रोटेक्शन के पूरा चोद सकते हो। तो जितना मजा लेना हैं आज ले लो”

प्रशांत: “हां यार, बिना प्रोटेक्शन के बिना डरे हुए पूरा चोदने में कितना मजा आता हैं, क्या बताऊ!”

नीरु: “तुम्हे कैसे पता? मैंने तो तुम्हे कभी बिना प्रोटेक्शन पूरा चोदने ही नहीं दिया?”

(अब उस भोलि निरु को क्या पता की मैं उसकी बड़ी बहन को बिना प्रोटेक्शन के बिना डरे पूरा चोद चुका हूँ।)

प्रशांत: “वो उस रात को लगभग तुम्हे पूरा चोद दिया था। याद हैं जब ऋतू दीदी जीजाजी के साथ कर रही थी”

नीरु: “उस रात तो तुमको लंड मेरी चूत से बाहर निकालना पड़ा था, आज तो तुम्हे मेरी चूत में ही सारा जूस निकालने को मिलेंगा। और तुम्हे बड़ा याद हैं उस दिन ऋतू दीदी क्या कर रही थी। बहुत घूरने के मजे लिए होंगे तुमने तो!”

प्रशांत: “किसी और को चोदते हुए देखते हैं तो भी तो उतना ही मजा आता हैं न!”

नीरु: “चलो न, आज की चुदाई को स्पेशल बनाती है। तुमने उस दिन कहा था की अगले २४ घन्टे में मेरी स्पेशल चुदाई होगी और तुमने वादा निभा कर सच में मेरी स्पेशल चुदाई की थी। मैं कितना डरते डरते चुदवा रही थी, तुमने सच ही कहा था की वो चुदाई मुझे हमेशा याद रहेगी”

प्रशांत: “तो फिर क्या प्लान हैं? आज क्या स्पेशल करू?”

नीरु: “मेरे फेवरेट डॉगी स्टाइल में चोदना और तुम मेरा नाम लेकर चोदोगे। उस दिन तुम बता रहे थे की तुमने बाथरूम में जीजाजी को निरु निरु बोलते हुए चोदते सुना था। वोही अब बोलते हुए चोदना”

प्रशांत: “ठीक हैं, मगर फिर तुमको भी उस दिन की तरह जीजाजी जीजाजी बोलते हुए चुदवाना पड़ेगा”

(नीरु यह सुनकर शर्म से लाल हो गयी और मुझे एक हल्का सा हाथ पीठ पर मार दिया।)

नीरु: “हट पागल। तुम्हे क्या पता उस वक़्त मेरे दिल में क्या चल रहा था। हालत ख़राब हो गयी थी मेरी सोच सोच कर”

प्रशांत: “उस दिन तो तुम्हे चुदवाते वक़्त पता नहीं था पर आज तो पता हैं की मैं ही चोद रहा होँऊंगा, तो फिर जीजाजी का नाम लेने में क्या हैं”

नीरु: “नहीं, मैं किसी और का नाम नहीं लुंगी। तुम मेरा नाम लेकर चोदोगे बस”

प्रशांत: “तो फिर इसमें क्या स्पेशल हैं?”

नीरु: “तुम्हारे लिए स्पेशल यह हैं की तुम बिना प्रोटेक्शन पहली बार पूरा चोद सकते हो और मेरे लिए स्पेसल हैं की तुम पहली बार मेरे नाम का जाप करते हुए मुझको चोदोगे”नीरु स्पेशल तैयार होने बेडरूम में गयी और मुझे कहा की मैं उसके बुलाने के बाद ही अन्दर जाऊँगा और वो कमरे की रौशनी एकदम कम रखेगी ताकी रोमांटिक माहौल रहे। कुछ मिनट्स बाद ही उसने दरवाजा थोड़ा खोल मुझे आवाज दि। मैं अब बेडरूम में पंहुचा तो देखा की अन्दर बहुत धीमी रौशनी थी।

कमरा अन्दर महक रहा था। निरु सामने वोहि साड़ी पहने खड़ी थी जो उसको जीजाजी ने दी थी और उसने यह साड़ी जीजाजी के यहाँ आने वाले दिन पहनी थी।

नीरु साड़ी में वैसे ही डबल सेक्सी लगती हैं तो मेरे लण्ड का जूस तो अन्दर उबाल मारने लगा। मैं सीधा निरु की तरफ बढ़। मैने निरु के पास जाकर उसकी नंगी कमर पर हाथ रखा और एक साँस छोड़ते हुए उसकी स्माइल और चौड़ी हो गयी। मैंने जीजाजी की ही स्टाइल में निरु की तारीफ़ की।

प्रशांत: “वाह निरु, आज तो बड़ी कमाल की लग रही हो”

नीरु: “आपके लिए ही तैयार हुयी हूँ जी…”

(नीरु शायद जीजाजी बोलने वाली थी पर बोलते बोलते ही रुक गयी थी।)

मैने निरु को घुमाया और उसको पीछे से आकर उसके पतले पेट पर हाथ रख पकड़ लिया। मेरा लण्ड अब तक कड़क हो चुका था और निरु की साड़ी को चिरता हुआ जैसे अन्दर घूसने को उतारू था।

नीरु ने अपने सर का पिछला हिस्सा मेरे कंधे पर रख दिया और मैं उसकी गर्दन और कंधे पर चुमने लगा।निरु आँख बंद किये आहें भर रही थी। मैने अब एक हाथ उसके पेट से हटा कर उसके ब्लाउज पर रख दिया और मैं उसके मम्मो को महसूस कर पाया, क्यों की उसने अन्दर ब्रा नहीं पहना था।

नीरु: “जल्दी से चोद दो मुझे, मेरा जूस निकल रहा हैं और कपडे गंदे हो जायेंगे”

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