नीरु: “तुम भी अज़ीब हो। मुझे दो बार नँगा जीजा जी के सामने लगभग छोड़ कर चले गए थे। भूल गए?”
प्रशांत: “नंगा रख कर जाने में और चोदने में फ़र्क़ हैं”
नीरु: “तो फिर यह एक्सपेरिमेंट ही मत करो। जो चल रहा हैं उसको चलने दो”
प्रशांत: “मैं चाहता हूँ की जीजाजी गलत हैं तो ज़िन्दगी भर तुमसे दूर ही रहो”
नीरु: “तो ठीक हैं, सिर्फ तुम्हारे लिए मैं एक बार फिर करने को रेडी हूँ। तुम अन्दर आ जाना पर चिल्ला कर ऋतू दीदी को मत पता लगने देना की जीजाजी ने क्या हरकत की है। हम जीजाजी को समझा देंगे। मुझे ऋतू दीदी का घर नहीं तोडना है। मैं ज़िन्दगी भर जीजाजी से फिर दूर ही रहूँगी और बात भी नहीं करूंगी”
प्रशांत: “ठीक हैं”
नीरु: “मगर अभी नहीं, सुबह करेंगे। अभी मेरी सारी एनर्जी ख़त्म हो चुकी हैं”
मै और निरु अब सो गए और मैं थोड़ी देर सो नहीं पाया क्यों की मैं अभी भी निरु को समझ नहीं पाया था। हालाँकि उसकी चुदाई मैंने ही की थी पर उसने मन में तो जीजाजी से ही चुदवाया था। अगली सुबह हम दोनों जल्दी उठ गए थे। उस दिन हम दोनों को ऑफिस भी जाना था पर उसके पहले जीजाजी का टेस्ट लेना था। जीजाजी भी उठ चुके थे क्यों की उनको भी अपने घर के लिए निकलना था।
नीरु: “तुम फिर सोच लो प्रशांत। तुम्हे यह एक्सपेरिमेंट करना है। बहुत बड़ी गड़बड़ भी हो सकती है। तुमने पहले भी जो प्लान किये थे वो बिगड गए थे। कुछ बुरे सच बाहर ना ही आये तो अच्छा हैं।”
प्रशांत: “तुम क्या चाहती हो? एक बुरे इंसान का सच हमें पता न चले?”
नीरु: “पता चले पर कोई बतंगड ना बने, कोई बवाल खड़ा न हो बस”
प्रशांत: “तो फिर क्या करे की सच भी पता लगे और बवाल भी न हो”
नीरु: “तुम अभी वाक के लिए बाहर चले जाओ। मैं यहाँ पर कल की तरह पोजीशन ले लुंगी। जीजाजी को अन्दर आने दो। देखति हूँ की वो क्या करते है। मुझे गुस्सा आया तो मैं उनको अच्छे से हैंडल कर लुंगी। तुम अनजान बने रहना की उन्होंने क्या किया हैं और दीदी को भी नहीं बतायेंगे। यह बात मेरे और जीजाजी के बीच ही रहेगी। तुम्हे यह सब पता हैं, इस बात का जीजाजी को पता नहीं चलेगा”
प्रशांत: “कल रात तो तुम रोक नहीं पायी, अभी कैसे रोकोगी?”
नीरु: “अब मैं तैयार हूँ, मैं कर लुंगी। तुम रूम में मत आना। मेरे साथ गलत होगा तो मैं ही सम्भालूंगी”
प्रशांत: “मैं तुम्हरे फ़ोन पर वीडियो चालू करके जा रहा हूँ, मैं बाहर से अपने फ़ोन पर देखते रहुंगा। जरुरत हुयी तो मैं अन्दर आ जाऊँगा”
नीरु: “ठीक हैं, तुम वीडियो पर देख लेना। पर जीजाजी को हैंडल मैं ही करुँगी। मैं कमजोर नहीं हूँ”
और प्लान के मुताबिक मैंने निरु को कल की तरह अन्दर के कपड़ो में डॉगी स्टाइल में बेड पर बैठा दिया। निरु का फ़ोन मैंने अपने बेड के हेड रेस्ट पर खड़ा कर दिया था ताकी वीडियो शूटिंग होती रहे। जीजजी और दीदी घर जाने के लिए रेडी हो रहे थे। मैं उनको बोलकर बाहर चला गया की जीजाजी को निरु ने बुलाया हैं और मैं आधे घन्टे के लिए वाक करने जा रहा हूँ।
बाहर गार्डन में आकर मैंने अपने फ़ोन पर एप्प चालु कर वीडियो देखना शुरू किया। निरु बिस्तर पर डॉगी स्टाइल में बैठि थी। आज के दिन जीजाजी की सच्चाई बाहर आने वाली थी। मै इन्तेजार कर रहा था की कब जीजाजी रूम में आए। निरु भी परेशानी की मुद्रा में थी की अब क्या होने वाला था। तभी एक धडाम की आवाज आयी। उस आवाज से निरु पूरा हील गयी और फिर एक और हलकी धडाम की आवाज आई और मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर अँधेरा छा गया। आवाज आनी भी बंद हो गायी। मैं अपने फ़ोन को थप्पड़ मारने लगा जैसे खराबी मेरे फ़ोन में ही हो।मैने २-३ मिनट इन्तेजार किया की वो वीडियो फिर चालू होगा पर वो नहीं हुआ। मेरी दिल की धड़कने बढ़ने लगी। कही निरु मुसीबत में तो नहीं है। हालाँकि वीडियो में अब तक जीजाजी आते दीखे नहीं थे। मैने डरते डरते निरु को फ़ोन लगया, हालाँकि यह गलत टाइम हो सकता था। मगर निरु का फ़ोन लग ही नहीं रहा था। मुझे और टेंशन होने लगी।
मैने फिर अपने घर की तरफ बढ़ चला। मुझे नहीं पता रूम में जीजाजी आये होंगे या नहीं, उन्होंने कुछ किया भी होगा या नहीं। लिफ़्ट भी उस दिन कुछ ज्यादा ही देरी से आयी। ५ मिनट बाद मैं अपने घर के दरवाजे के बाहर था।
चाबि तो मैं लेकर ही गया था तो मैंने डरते हुए दरवाजा खोला। दरवाजे के पास ही जीजाजी-दीदी के बैग पैक पड़े थे। उनमे से एक बैग नीचे गिरा पड़ा था। पास में सोफ़े पर ऋतू दीदी डरे हुए बैठे थे। मैंने एकदम नार्मल रहने की एक्टिंग की। मैने वो बैग सीधा किया और ऋतू दीदी को पूछा की जीजाजी कहा है?
ऋतू दीदी की आँखों में आंसू आ गए। मैं उनके पास पहुंच। मुझे डर था की कहीं जीजाजी ने निरु को चोदना चालू तो नहीं कर दिया और ऋतू दीदी ने देख लिया हो। मैने ऋतू दीदी से रोने का कारण पूछा और जीजाजी कहाँ हैं यह भी पुछा। ऋतू दीदी ने जो कहा उस से मेरे होश जरूर उड़ गए। ऋतू दीदी ने जीजाजी को यह बता दिया था की उस दिन मेरे और ऋतू दीदी के बीच चुदाई हुयी थी। मैने अपना माथा पीट लिया। इस तरह के सीक्रेट कौन सी औरत अपने पति को बताती हैं?
फिर उन्होंने सुबकते हुए बताया की जीजाजी मेरे बेडरूम में निरु से बात करने गए हैं। मेरे तो हाथ पैर कॉंम्प उठे। एक तरफ यह डर था की जीजाजी अब मेरी पोल निरु के सामने खोल डेंग। निरु तो मुझे तलाक देकर अलग हो जाएगी। इतनी खूबसूरत बीवी मुझे मिली हैं, इतनी ख़ुशी से रह रहे थे तो एक गलती अब भारी पड़ने वाली थी। दूसरी तरफ यह डर भी था की निरु के फ़ोन को क्या हुआ होगा और वो आवाज़े क्या थी।
जीजाजी और निरु कहीं मेरी और ऋतू दीदी की चुदाई का बदला लेने के लिए आपस में ही चुदाई न कर ले। कहाँ तो मैं जीजाजी के करैक्टर पर शक़ कर के निरु को बहला रहा था और अब मेरा ही करैक्टर खुल कर निरु के सामने आने वाला था। मै घर पर भाग्ता हुआ आया था की मैं जीजाजी को निरु के साथ गलत हरकत करते हुए पकडूँगा पर अब तो मेरी ही हरकत पकड़ी गयी थी और मेरी हिम्मत नहीं थी की उस वक़्त मैं अपना बेडरूम खोल कर उन दोनों का सामना भी कर पाऊं।
मै वही नजरे झुकाये बैठा रहा। हाथ पैर अभी भी कॉंम्प रहे थे और मन में अलग अलग तरह के बुरे विचार आ रहे थे। ऋतू दीदी के सुबकने से मेरे बेडरूम से आती आवाजें भी सुनाई नहीं दे रही थी। मेरे मन में कल रात की निरु की आवाजें गूँज रही थी
“जीजाजी ओह न… जीजाजी धीरे… जीजाजी दर्द हो रहा है… वगैरह”
ईसी तरह चिन्ता में ५ मिनिट्स, फिर १० मिनिट्स हो चुके थे। ना तो बेडरूम का दरवाजा खुला और ना ही अन्दर से कोई आवाज आई और न ही मेरी कुछ करने की हिम्मत थी। मै खुद सोचने लगा की जब अन्दर से निरु और जीजाजी बाहर आयेंगे और मुझसे सवाल पुछेंगे तो मैं क्या जवाब दूंगा? क्या मैं सारा ईल्जाम ऋतू दीदी पर डाल दू? मगर मैं भी तो भागीदार था।
मै ऋतू दीदी से ही पुछ लीया की क्या जीजाजी गुस्से में थे। ऋतू दीदी ने एक बार फिर रोता मुँह बना कर अपने आंसू पोछे और सुबकने लगी। मेरी तो उनके कंधे पर हाथ रख दिलासा देने की भी हिम्मत नहीं हुयी। मैं अब अपने जवाब तैयार करने लगा की मैं क्या बोलुंगा। या फिर मैं खुद ही जीजाजी पर चढ़ जाऊँगा की वो भी तो निरु का नाम लेकर ऋतू दीदी को चोद रहे थे।
तभी बेडरूम का दरवाजा खुला और जीजाजी बाहर आए। मैं अपनी जगह खड़ा हो गया की अब कुछ सुनने को मिलेंगा। जीजा जी ने बोला “ऋतू चलो” और ऋतू दीदी उठ कर बैग्स के पास आए। वो दोनों दरवाजे के बाहर चले गए और मैंने दरवाजे तक जाकर देखा वो लिफ्ट में थे। मैंने दरवाजा बंद किया और अब मुझे निरु का सामना करना था।
Jija Sali Sex , Fantasy sex story – कुत्ता कमीना!