प्रशांत: “निरु, रोना बंद करो। कुछ नहीं हुआ है, मैं ही हूँ”
नीरु ने तकिये से मुँह निकला और मेरी तरफ देखा। उसकी आँखें आँसुओ से भरी थी। उसका रोता हुआ चेहरा देख मुझे अच्छा नहीं लगा। झूठा ही सही, मैंने उसका दिल तोड़ दिया था। नीरु अब घुटनों के बल खड़ी हो गयी। फिर मेरी तरफ पलती और मेरे सीने से लग फिर सुबकने लगी। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसको शांत किया। थोड़ी देर बाद वो पीछे हति और सुबकते हुए बात करने लगी।
नीरु: “ऐसा क्यों किया तुमने? पता हैं मेरे दिल की धड़कन कितनी तेज हो गयी थी, मुझे हार्ट अटैक आ जाता तो? क्यों किया तुमने ऐसा?”
हलाँकि मैं भी निरु का करैक्टर टेस्ट ले रहा था पर सच सुनकर उसको बुरा लगता। इसलिए मैंने झूठ बोल दिया।
प्रशांत: “मैं बस चेक कर रहा था की तुम प्लान को ढंग से फॉलो करोगी या नहीं। तुम कुछ गड़बड़ कर दोगी तो प्लान फेल हो जाएगा। तुमने मना बोलने में बहुत देर कर दी”
नीरु: “मैं इन्तेजार कर रही थी की तुम अन्दर कब आओगे। मैं रोकना चाह रही थी पर जीजाजी को फेस करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। जब तुम इतनी देर नहीं आये तो फिर मुझको ही रोकना पड़ा”
प्रशांत: “अब रोना बंद करो, कुछ भी नहीं हुआ है। तुम अब असली टेस्ट के लिए रेडी हो? मैं अब सच में जीजाजी को बुलाने वाला हूँ”
नीरु: “मुझसे नहीं होगा प्रशांत अब यह सब। मुझे नहीं करना”
प्रशांत: “अरे तुमने बहुत अच्छा किया है। सोचो अगर जीजाजी ने आकर कुछ नहीं किया तो! सब ठीक हो जायेगा न”
नीरु: “अभी जो हुआ उसके बाद मुझे डर लग रहा है। अगर सच में जीजाजी ने मुझे चोद दिया तो?”
प्रशांत: “तो फिर मैं अन्दर आ जाऊँगा”
नीरु: “तुम टाइम पर नहीं आये और तब तक जीजाजी ने मुझे चोदना शुरू कर दिया तो? मुझे यह रिस्क नहीं लेना। मैं यह सब बुरी फीलिंग फिर से नहीं लेना चाहती”
प्रशांत: “अभी तो मैं अन्दर ही था तो कैसे आता? मैं एकदम टाइम पर आ जाऊंगा। मैंने तुम्हारे और मेरे फ़ोन में एक एप्प डाउनलोड की है। एक फ़ोन यहाँ रखकर वीडियो बनाएगा और दूसरा बाहर मेरे पास रहेगा। जैसे ही जीजाजी कुछ गड़बड़ करेंगे, मैं अन्दर आ जाउँगा”
नीरु: “मुझे इस पर भरोसा नहीं है। तुम यहीं कमरे में रहो”
प्रशांत: “मैं यहाँ रहूँगा तो जीजाजी कुछ करेंगे ही नहीं। उनका टेस्ट कैसे होगा?”
नीरु: “तुम यहीं कहीं छूप जाओ। बेड के नीचे या अलमारी में”
प्रशांत: “उनको क्या लगेगा की हमने उनको जान बूझकर ट्रैप किया है। मुझे बाहर ही रहना होगा। जीजाजी जैसे ही तुम्हारे साथ कुछ करने लगेगे, तुम चिल्ला कर मुझे बुला लेना”
नीरु: “नहीं, जीजाजी ने कुछ किया तो मैं उन्हें मना नहीं बोल पाउँगी। अभी भी मैं मना नहीं बोल पायी थी”
प्रशांत: “हो जायेगा निरु”
नीरु: “ऋतू दीदी का क्या होगा? उनका तो जीजाजी से भरोसा उठ जाएगा। मुझे किसी को इस हालात में नहीं डालना है। जीजाजी पकडे गए तो हंगामा होगा और हम चारो के रिश्ते के लिए ठीक नहीं हैं”
प्रशांत: “तो फिर तुम्हे जीजाजी की सच्चाई कभी पता नहीं चलेगी”
नीरु: “मुझे फ़र्क़ नहीं पडता, मुझे नहीं जानना की उनकी सच्चाई क्या हैं”
प्रशांत: “मगर मुझे जानना है। मैं अब और उस आदमी को तुम्हे गलत नीयत से छूने नहीं दे सकता”
नीरु: “जीजाजी को आने दो, उन्हें मेरे साथ जो करना हैं उन्हें करने दो। मैं कुछ नहीं कहूँगी और तुम भी कुछ नहीं कहोगे। मुझे देखना हैं की मुझे चोदने के बाद उनके मन में कोई रिगरेट होता हैं की नहीं। उनके मन में ज़िन्दगी भर जो शर्मिन्दगी रहेगि, वोहि उनके लिए सबसे बड़ी सजा होगी”
प्रशांत: “यह क्या बोल रही हो? मैं उनको तुम्हे चोदते हुए सिर्फ देखते ही रहु?”
नीरु: “हॉ। हम दोनों तो इस सदमे को भूल कर आगे बढ़ भी जायेंगे पर ऋतू दीदी का क्या होगा? उनको तो जीजाजी के साथ ही रहना होगा। वो तो माँ भी नहीं बन सकती, उनका तो सिर्फ जीजाजी ही आसरा है। उनका तो घर टूट जाएग। कैसे भी हो, जीजाजी उनके पति हैं”
प्रशांत: “मैं इसके लिए रेडी नहीं हूँ। मैं तुम्हे जीजाजी के साथ चुदते हुए नहीं देख सकता। कैसी बात कर रही हो? कोई पति अपनी बीवी को किसी के साथ चुदते हुए चुपचाप देखते रहे बस?”